Tuesday, December 3, 2013

डिप्रेशन का शिकार हुआ मोटिवेशनल स्पीकर


अभी सचिन रिटायर हुए और उनसे प्रेरित होक काफी दबंग बच्चो ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। कुछ लोगो का मानना है कि देश में नौकरिया न होने कि वजह से लोग अपने दिल की बात सुन रहे हैं उनका मानना है कि नौकरी तो मिलती नही कम से दिल कि इच्छाएं तो पूरी कर दे ।

परन्तु देखने में आया है कि अभी तक तो बेरोजगारी ही लोगो की जान ले रही थी पर आजकल तो उन लोगो की भी जान जा रही है जो अपने जुनून के पीछे भाग रहे हैं।

मोटीवेशन स्पीकर पर अरिंदम चौधरी का काफी असर था।
दिल्ली में भी कुछ महीने पेहले ऐसा ही कुछ वाकया देखने को मिला। जिसके तहत एक सुप्रसिद्ध मोटिवेशनल वक्ता के भाषण से प्रभावित हो, दिल्ली के सुरेस ने भी सोचा कि वो भी सबको प्रोत्साहित कर सकते हैं। वो काफी प्रोत्साहित करने वाली किताब पढ़ने लग गए, जीत सबकी हैं ऐसा बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमेशा दिल की सुनो ,सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी।

लोग तुम्हारी आलोचना करेंगे, पर तुम सिर्फ वो करो जो तुम्हे करना है.आस-पड़ोस के पिंकी और बिल्लू ने सुरेस से प्रेरित होके उसे अपना गुरु भी बना लिया।

कुछ दिन तो सब अच्छा चला फिर अचानक सुरेस परेशान दिखने लगा,पिंकी और बिल्लू भी बड़े हो गये वो भी अब सुरेस की बातों को नजरअंदाज़ करने लग गए। हमारे संवाददाता से बात करते हुए सुरेस अपने आंसू रोक ना पाया और बोला कि काम मिल नही रहा तो आजकल थोडा उदास हूं।

बूढी माँ और अंधी बहन का भी ख्याल नही रख पा रहा हूं…इस जीवन से ज्यादा उम्मीदे नही हैं अब मुझको।

कुछ दिन बाद जब हमारा संवाददाता दोबारा उनसे मिलने गया तो उन्होंने दरवाजा नही खोला। फिर एक दया जैसे व्यक्ति को बुलाया गया उसने जब दरवाजा तोड़ा, तो पता चला कि सुरेस डिप्रेशन में चला गया।

हमेशा सब को प्रोत्साहित करने वाला मोटिवेशनल स्पीकर सुरेस खुद डिप्रेशन में चला जायेगा ये तो खुद उनके गुरु श्री टेड़ा ने भी न सोचा था।

हमारे संवाददाता से बात करते हुए सुरेस के गुरु ने बताया कि पहले भी कुछ लोग ऐसे डिप्रेशन में गये हैं पर जब वो राउल बाबा के भाषण सुनते हैं तो सही हो जाते हैं। उनको लगता है जब लोग इसकी बातें सुन सकते हैं तो फिर मेरी क्यों नही।

परन्तु इस बार कुछ और ही होना था। कुछ दिन के भीतर ही सुरेस ने अपने आप को टेबल फैन से बांधा…राउल बाबा की स्पीच चलाई ,कुछ मोटिवेशनल किताबो को पढ़ा और बोला मैं ये सब और बर्दाश्त नही कर सकता और ये कहते हुए उसने आत्म हत्या कर ली।



Khabarbaazi में प्रकाशित मेरा लेख

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